परिकल्पना
- के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
उद्देश्य
- शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।

विद्यालय के बारे में
उत्पत्ति
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय सीआरपीएफ नयागांव केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा चलाया जाता है, जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सरकार के तहत गठित एक स्वायत्त निकाय है। भारत का और अध्ययन का एक समान पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या है।
विद्यालय के दृष्टिकोण के बारे में
सभी हितधारकों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सेवाएं प्रदान करना और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना। छात्रों को न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना।
विद्यालय के उद्देश्य के बारे में
शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
संदेश

आयुक्त, सुश्री प्राची पाण्डेय, आईए & एएस
प्रिय शिक्षकवृंद,
शिक्षक दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
शिक्षक केवल शैक्षणिक मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि बच्चे के भविष्य के निर्माता होते हैं। प्रथम अक्षर लिखने से लेकर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों तक वे धैर्य,सहानुभूति और सहयोग के साथ प्रत्येक कदम पर साथ चलते हैं। वे केवल मस्तिष्क ही नहीं,बल्कि मूल्य,सपने और आकांक्षाएँ भी गढ़ते हैं,जो हमारे राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती हैं।

श्रीमती शाहिदा परवीन
उपायुक्त
प्रिय विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं समस्त केंद्रीय विद्यालय परिवार, सप्रेम नमस्कार। केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग की वेबसाइट पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है। यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल सूचना और संसाधनों का केंद्र है, अपितु यह हमारे साझा शैक्षिक दृष्टिकोण, मूल्यों और प्रयासों का प्रतिबिंब भी है। मुझे यह संदेश साझा करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग, केविसं (मु०) नई दिल्ली के दिशा-निर्देशन में निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के उच्चतम मानदंडों को स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। भारत जैसे विविधता-सम्पन्न देश में शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं है, यह सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों, और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध की भावना का संवाहक भी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना 1963 में भारत सरकार द्वारा इस उद्देश्य से की गई थी कि सैनिकों, अर्धसैनिक बलों, केंद्रीय कर्मचारियों और अन्य स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और एकसमान शिक्षा प्रदान की जा सके। आज KVS न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी शिक्षा की एक सशक्त शृंखला बन चुका है, जिसमें लाखों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और हजारों शिक्षक उन्हें ज्ञान, संस्कार और जीवन के मूल्य सिखा रहे हैं। हमारे देश की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान करती है। यह केवल पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली में सुधार की बात नहीं करती, बल्कि यह समावेशी, बहु-विषयक, और छात्र-केंद्रित शिक्षा की बात करती है। KVS ने NEP 2020 के मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाते हुए कई महत्त्वपूर्ण पहलें प्रारंभ की हैं: • Foundational Literacy and Numeracy (FLN) को प्राथमिक कक्षाओं में लागू करना। • बहु-भाषिकता को प्रोत्साहन देना। • कला एकीकरण (Art Integration) और खेल आधारित शिक्षा (Sports Integration) को कक्षा शिक्षण में समाहित करना। 21वीं सदी के कौशल जैसे कि आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान, रचनात्मकता और डिजिटल साक्षरता पर बल देना। ये सभी प्रयास विद्यार्थियों को न केवल परीक्षा के लिए, बल्कि जीवन के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हमारे कार्यरत शिक्षकगण न केवल ज्ञान के दाता हैं, बल्कि वे एक संरक्षक, मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका भी निभाते हैं। एक शिक्षक की भूमिका अब केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने तक सीमित नहीं रह गई है। वे विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं, उन्हें आत्म-शिक्षण के लिए प्रेरित करते हैं, और एक उत्तरदायी नागरिक के रूप में ढालते हैं। हमारे शिक्षकगण निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और नवाचारों के माध्यम से अपने शिक्षण को अद्यतन और प्रभावी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यालयों में ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं, जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर समर्पित रहते हैं। KVS के विद्यार्थी पूरे देश में अपनी योग्यता, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के लिए पहचाने जाते हैं। विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन, विज्ञान, खेल, कला, और संस्कृति के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ, तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर KVS के छात्रों की उपस्थिति हमें गर्व से भर देती है। हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी की विशेषताओं और रुचियों को समझते हुए उन्हें उस दिशा में अवसर प्रदान किए जाएँ, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकें। विद्यालयों में अब केवल किताबी ज्ञान पर ज़ोर नहीं, बल्कि समग्र विकास (Holistic Development) को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्तमान युग डिजिटल क्रांति का युग है। शिक्षा भी इससे अछूती नहीं रही है। विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान, KVS ने तकनीक को अपनाते हुए ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय पहल की। हमने ई-कंटेंट, वर्चुअल क्लासरूम्स, शिक्षकों द्वारा बनाए गए डिजिटल संसाधन, और स्वयं पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्म्स को प्रभावी रूप से अपनाया। भविष्य में भी हम तकनीक के माध्यम से शिक्षण और अधिगम को और अधिक रोचक, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे विद्यालयों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए ATL (Atal Tinkering Labs), Coding Clubs, Robotics Workshops जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। KVS प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत महत्त्व देता है। विद्यालय प्रबंधन समितियों में अभिभावकों की भागीदारी, विद्यालय स्तर पर खुली बैठकों का आयोजन, और अभिप्राय संग्रहण की प्रक्रिया हमें हमारी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। हम अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वे विद्यालय की गतिविधियों में सक्रिय भाग लें, शिक्षकों से संवाद बनाए रखें और अपने बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करें। KVS का लक्ष्य न केवल अकादमिक उत्कृष्टता है, बल्कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था का निर्माण करना है जो: • विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक बनाए, • उनमें संवेदनशीलता और सहानुभूति का भाव विकसित करे, • उन्हें नवाचार और उद्यमिता की ओर प्रेरित करे, • तथा भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात करते हुए आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाए। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे विद्यालय "ज्ञान, चरित्र और सेवा" के त्रिसूत्रीय मंत्र को आत्मसात करें और एक ऐसे भारत के निर्माण में योगदान दें जो शिक्षित, सशक्त और समृद्ध हो। अंत में, मैं सभी विद्यार्थियों को यह संदेश देना चाहती हूँ कि अपने सपनों को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम, अनुशासन और आत्म-विश्वास को अपना साथी बनाइए। हर चुनौती आपके लिए एक अवसर है, और हर असफलता सीखने की एक सीढ़ी। शिक्षकों से अपेक्षा करती हूँ कि वे विद्यार्थियों के जीवन को मूल्यवान और अर्थपूर्ण बनाने में अपनी भूमिका को दृढ़ता से निभाएँ। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे विद्यालय के साथ मिलकर एक सशक्त भविष्य निर्माण में सहयोग करें। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे शैक्षिक वातावरण का निर्माण करें जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी स्वाभिमानी, सक्षम और संवेदनशील नागरिक बनकर राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सके। धन्यवाद। (शाहिदा परवीन) उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन भोपाल संभाग
और पढ़ें
ब्रजेश कुमार पाण्डेय
प्राचार्य
शिक्षा एक जिम्मेदार नागरिक में बच्चे को ढालने और आकार देने की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और एक बच्चे की नियति को आकार देना हममें से प्रत्येक के लिए बहुत गर्व की बात है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य दुनिया में अन्य जीवों के साथ अपने स्वयं के भीतर सद्भाव और सद्भाव में प्रत्येक व्यक्ति में एक दुगुनी सद्भाव की स्थापना है। तो, हमारा लक्ष्य हमेशा पाठ्यचर्या और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तित्व संवर्धन रहा है। वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए माता-पिता की सक्रिय भागीदारी और सहयोग अत्यंत आवश्यक होगा। समकालीन वैश्विक और राष्ट्रीय संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम, के.वी. सी आरपीएफ नयागांव, उत्कृष्टता की खोज को जीवन का एक तरीका, एक आदत बनाने का प्रयास करता है। हम एक विकासात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से व्यापक शिक्षा प्रदान करके कल के नेताओं में बच्चों को आकार देने पर केंद्रित संतुलित वातावरण प्रदान करते हैं। मुझे विश्वास है कि विद्यालय आगे की यात्रा में नए मील के पत्थर बनाते रहेंगे। मैं सभी माता-पिता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बच्चा बहुत समृद्ध शैक्षणिक वातावरण में है जहां शिक्षण और सीखना एक खुशी का अनुभव है। आपका बच्चा हमारे लिए सबसे मूल्यवान संपत्ति है और हम उसे सर्वश्रेष्ठ हासिल करने में उसकी मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
और पढ़ेंअद्यतनीकरण
- कक्षा ग्यारह एवं अन्य कक्षाओं में प्रवेश हेतु घोषणा नई
- शैक्षणिक सत्र 2025-26 हेतु कक्षा II से कक्षा IX तक (जाति श्रेणी) अनंतिम चयन एवं प्रतीक्षा सूची नई
- शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा II से कक्षा IX (सेवा श्रेणी) तक अनंतिम चयन / प्रतीक्षा सूची नई
- प्रवेश सूची कक्षा I श्रेणी 5
- प्रवेश सूची कक्षा I श्रेणी 4
चीजों का अन्वेषण करें
शैक्षणिक योजनाकार
शैक्षणिक योजना एक उच्च शिक्षा संस्थान को अपनी शैक्षणिक पेशकशों
शैक्षिक परिणाम
शैक्षिक प्रक्रिया के अवलोकनीय परिणाम इन में ज्ञान, कौशल, मूल्य शामिल हैं
बालवाटिका
बाल वाटिका कार्यक्रम को कक्षा 1 से पहले के बच्चों के लिए किया गया
निपुण लक्ष्य
निपुण लक्ष्य ऐप बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निपुण भारत के तहत बनाया गया
शैक्षणिक हानि कार्यक्रम का मुआवजा (सीएएलपी)
संज्ञानात्मक प्रगत भाषा प्रवीणता
अध्ययन सामग्री
शिक्षा के क्षेत्र में, अध्ययन सामग्री को शिक्षण सामग्री भी कहा जा सकता है
कार्यशालाएँ एवं प्रशिक्षण
शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना
विद्यार्थी परिषद
इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को विद्यालय गतिविधियों के बारे में बताना है
अपने स्कूल को जानें
विद्यालय या पाट्ठशाला वह स्थान है, जहाँ शिक्षा ग्रहण की जाती है।
अटल टिंकरिंग लैब
युवा नवप्रवर्तकों के बीच नवाचार की मदद , पोषण के लिए डिज़ाइन किया है।
डिजिटल भाषा लैब
एक "डिजिटल लैब" आमतौर पर प्रौद्योगिकी संसाधनों से
आईसीटी - ई-क्लासरूम और लैब्स
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं।
पुस्तकालय
पुस्तकालय, परंपरागत रूप से, पढ़ने अध्यन करने के लिए उचित जगह है
लैब्स - भौतिकी/रसायन विज्ञान/जीवविज्ञान
छात्रों के लिए सुसज्जित भौतिकी लैब।
भवन एवं बाला पहल
स्कूल के बुनियादी ढांचे की समग्र रूप से योजना बनाने और उसका उपयोग करना
खेल अवसंरचना (खेल के मैदान)
खेल और शारीरिक शिक्षा डीपीएस दुर्ग के पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग हैं।
एसओपी/एनडीएमए
स्कूल सुरक्षा को बच्चों के लिए उनके घरों से लेकर उनके स्कूलों तक
खेल
खेल में नियमों के एक सेट के तहत की जाने वाली और उसके हिस्से के रूप में
एनसीसी/स्काउट एवं गाइड
छात्रों का सैन्य संगठन है, सुरक्षाकर्मी के रूप में छात्रों को तैयार किया जाता है
शिक्षा भ्रमण
शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण
ओलम्पियाड
ओलम्पियाड ऐसी परीक्षाऐ है जो पूरे देश में आयोजित की जाती है
प्रदर्शनी - एनसीएससी/विज्ञान/आदि
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (एनसीएससी) वर्ष 1993 में शुरू किया गया था
एक भारत श्रेष्ठ भारत
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाने की कल्पना की गई थी
हस्तकला या शिल्पकला
बच्चो को रचनात्मक बनाने की गतिविधिया है
आनंदवार
बच्चों का बाल अवस्था में ही उन की छिपी हुई प्रतिभाओ को निकलना
युवा संसद
युवा संसद कार्यक्रम सर्वश्रेष्ठ बहसकर्ताओं, नीति निर्माताओं के बीच एक बहस होगी
पीएम श्री स्कूल
पीएम श्री स्कूल भारत सरकार द्वारा शुरू की गई
कौशल शिक्षा
कौशल शिक्षा व्यावहारिक कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है
मार्गदर्शन एवं परामर्श
मार्गदर्शन आमतौर पर परामर्श या अन्य माध्यम
सामाजिक सहभागिता
सामुदायिक भागीदारी को मोटे तौर पर लोगों की
विद्यांजलि
विद्यांजलि एक स्कूल स्वयंसेवी कार्यक्रम और मानव संसाधन मंत्रालय की एक
प्रकाशन
प्रकाशन का अर्थ है प्रकाशन का कार्य, और सार्वजनिक वितरण के लिए जारी की
समाचार पत्र
समाचार-पत्र एक मुद्रित या इलेक्ट्रॉनिक रिपोर्ट है जिसमें किसी व्यवसाय या
विद्यालय पत्रिका
विद्यालय पत्रिका- आम तौर पर एक स्कूल पत्रिका एक साक्षरता पत्रिका है
देखें क्या हो रहा है ?
छात्रों के बारे में समाचार और कहानियाँ, और पूरे स्कूल में नवाचार

एफ.एल.एन गतिविधियाँ
सभी देखेंउपलब्धियाँ
शिक्षक
विद्यार्थी
नवप्रवर्तन

विद्यालय परिणाम
वर्ष 2023 -24
सम्मिलित 40 उत्तीर्ण 40
वर्ष 2022-23
सम्मिलित 37 उत्तीर्ण 37
वर्ष 2021-22
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0
वर्ष 2020-21
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0
वर्ष 2024 -25
सम्मिलित 32 उत्तीर्ण 31
वर्ष 2023 -24
सम्मिलित 37 उत्तीर्ण 37
वर्ष 2022-23
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0
वर्ष 2021-22
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0
वर्ष 2024 -25
सम्मिलित 22 उत्तीर्ण 22
वर्ष 2023 -24
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0
वर्ष 2022-23
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0
वर्ष 2021-22
सम्मिलित 0 उत्तीर्ण 0